जीवन मरण की नदी
ISBN:
9780199496068
Publication date:
04/02/2022
Paperback
304 pages
ISBN:
9780199496068
Publication date:
04/02/2022
Paperback
304 pages
Victor Mallet and Upanshu Mishra
Rights: Indian Territory Rights (No Agent)
Victor Mallet and Upanshu Mishra
Description
यह भारत की सबसे बड़ी आबादी के बीच से गुजरती हुई गंगा नदी की कहानी। उत्तर भारत के घनी आबादी वाले शहरों से गुजरते हुए उसका पानी प्रदूषित हो चुका है। गंगा, जो जीवनदायी रही है, अब मर रही है। विक्टर मॉलेट, गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक की यात्रा करते हैं। गंगा के बारे में फैले तमाम मिथकों को बताते हैं। वे धार्मिक आस्था में डूबे हुए लोग और गंदगी में डूबती हुई नदी दोनों को एक साथ रखते हैं। गंगा जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, उसमे और नदियाँ समाहित होती जाती हैं। गंगा के किनारे बसे घनी आबादी वाले एक-एक शहर जुड़ते जाते हैं और गंगा प्रदूषण से और प्रदूषित होती जाती है। मॉलेट इस पुस्तक में गंगा की सहायक नदियों और उससे जुड़े शहरों का भी जायजा लेते हैं। साथ ही हिन्दू आस्था और राजनीति के बीच उलझी हुई गंगा और उससे जुड़े लोगों पर विस्तार से चर्चा करते हैं। कई आयामों को समेटे हुए यह किताब हमारे समय में गंगा नदी की शुरू से अंत तक की कहानी कहती है।
विक्टर मॉलेट, फाइनेंसियल टाइम्स में एशिया न्यूज के संपादक हैं। उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार से दो बार सम्मानित किया जा चुका है।
उपांशु मिश्र, एक अनुवादक हैं और हिन्दी साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं।
Victor Mallet and Upanshu Mishra
Victor Mallet and Upanshu Mishra
Description
यह भारत की सबसे बड़ी आबादी के बीच से गुजरती हुई गंगा नदी की कहानी। उत्तर भारत के घनी आबादी वाले शहरों से गुजरते हुए उसका पानी प्रदूषित हो चुका है। गंगा, जो जीवनदायी रही है, अब मर रही है। विक्टर मॉलेट, गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक की यात्रा करते हैं। गंगा के बारे में फैले तमाम मिथकों को बताते हैं। वे धार्मिक आस्था में डूबे हुए लोग और गंदगी में डूबती हुई नदी दोनों को एक साथ रखते हैं। गंगा जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, उसमे और नदियाँ समाहित होती जाती हैं। गंगा के किनारे बसे घनी आबादी वाले एक-एक शहर जुड़ते जाते हैं और गंगा प्रदूषण से और प्रदूषित होती जाती है। मॉलेट इस पुस्तक में गंगा की सहायक नदियों और उससे जुड़े शहरों का भी जायजा लेते हैं। साथ ही हिन्दू आस्था और राजनीति के बीच उलझी हुई गंगा और उससे जुड़े लोगों पर विस्तार से चर्चा करते हैं। कई आयामों को समेटे हुए यह किताब हमारे समय में गंगा नदी की शुरू से अंत तक की कहानी कहती है।
विक्टर मॉलेट, फाइनेंसियल टाइम्स में एशिया न्यूज के संपादक हैं। उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार से दो बार सम्मानित किया जा चुका है।
उपांशु मिश्र, एक अनुवादक हैं और हिन्दी साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं।
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